संदेश

11 May : National Technology Day In India (11 May 2020) Nuclear Bomb In India

क्या है 11 मई? 11 May भारत मे National Technology Day के रूप में मनाया जाता है। यह दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि लोगो को विज्ञान में रुचि लेने के लिए प्रेरित किया जाए और ज्यादा से ज्यादा बच्चे विज्ञान की पढ़ाई करें। आज के कुछ समय पहले हमारा देश इतना आगे नही था विज्ञान में लेकिन आज उसने बहुत तरक्की कर ली है । इस बार 11 मई 2020 21 वां national technology day के रूप में मनाया जाएगा। क्यों मनाते हैं National Technology Day?  यह दिवस सिर्फ भारत मे ही मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 11 May 1998 में पोखरन में भारत ने अपना  पहला परमाणु परीक्षण किया था जो सफल भी हुआ था। इस परीक्षण के सफल होते ही भारत देश की तस्वीर ही बदल गयी। बड़े बड़े देश भारत को सलाम ठोकने लगे। और भारत विश्व का 6वां देश बन गया जिसके पास परमाणु हथियार था। क्या हुआ था 11 May 1998 को? इस दिन भारत ने अपना पहला सफल परमाणु परीक्षण किया था। ये काम चोरी से किया गया था क्योंकि भारत के पास इजाजत नही थी कि वो परमाणु बम बना सके लेकिन भारत को शक्तिशाली बनने से ये बात नही रोक सकी।                  

Good Friday : A black Friday in history of christian religion

Good Friday christian समुदाय से जुड़ा हुआ है। इस साल Good Friday 10 अप्रैल 2020 को था। इस त्यौहार को Good Friday , Black Friday या Great Friday के नाम से जाना जाता है। यह त्यौहार christian लोगो का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है क्योंकि Good Friday के ही दिन jesus christ को सूली पर चढ़ाया गया था। वैसे तो यह दिन एक त्यौहार है लेकिन christian समुदाय के लिए ये एक दुख का दिन है क्योंकि इसी दिन उनके भगवान को लोगो ने सूली पर चढ़ा दिया था। वो भी बिना किसी गलती के। क्यों मनाते हैं goodfriday? बहुत समय पहले christian समुदाय में lord jesus christ का जन्म हुआ था। उस समुदाय के लोगो का मानना था कि ये भगवान के अवतार हैं। और भगवान ने उन्हें लोगो को ज्ञान बांटने और सहायता करने के लिए पृथ्वी पर भेजा है। लेकिन उस वक़्त के यहूदी लोग बहुत ही कट्टरपंथी थे। और वे उनका विरोध करने लगे और उन्हें मारने की सोचने लगे। उन्होंने रोमन सरकार से कहा कि इन्हें सूली पर चढ़ा दिया जाए। जिसको रोमन सरकार ने डरकर मान लिया। क्योंकि उनको डर था की कहीं उनके न कहने पर यहूदी उन्हें ही न मार दें। और उसके बाद बिना किसी गलती के lo

महावीर जयंती (Mahavir Jayanti)

चित्र
महावीर जयंती भगवान महावीर के जन्म दिवस पर उनके जन्मोत्सव के रूप में पूरे भारत मे मनाई जाती है। यह भारत के अलावां उन देशों में भी मनाई जाती है। जहां जैन लोग रहते हैं, यह त्यौहार जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। महावीर जयंती  का एक और नाम है महावीर जन्म कल्याणक । महावीर जयंती हिन्दू कैलेंडर से चैत्र मास के शुक्लपक्ष में तेरहवें दिन मनाई जाती है। महावीर जयंती अंग्रेजी कैलेंडर  से मार्च या अप्रैल माह में आती है।इस साल की महावीर जयंती 6 अप्रैल 2020 को है। यह महावीर जी का 2618वां जन्म दिवस है। महावीर जयंती में जैन धर्म के सभी लोग श्वेतांबर और दिगाम्बर मिलकर इस त्यौहार को बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं। महावीर जयंती के दिन पूरे भारतवर्ष में सरकारी अवकाश रहता है। कैसे मानते हैं महावीर जयंती?   महावीर जयंती जैन धर्म का महत्वपूर्ण त्यौहार होने के साथ साथ हिन्दुओ द्वारा भी मनाया जाता है। इसकी तैयारियां त्यौहार के कई दिनों पहले से शुरू हो जाती हैं। इस दिन जैन धर्म को मानने वाले या जो लोग महावीर जी को मानते हैं, वो सभी लोग जैन मंदिर जाते हैं। इस दिन  जैन धर्म के सभी मंद

होली मनाने का कारण(क्यों मनाते हैं होली?) होलिका दहन

चित्र
होली भारत और नेपाल में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है इसको मानने के पीछे हिन्दू धर्म की एक पुरानी कथा है और रिसर्च से पता चला है कि इसके कुछ साइंटिफिक रेअसोंस भी हैं   कथा बहुत समय पहले की बात है भारत में राजा हुआ करता था जिसका नाम था हिरण्यकश्यप वो तीनो लोको पृथ्वी,स्वर्ग और पाताल पर राज्य करना चाहता था इसके लिए उसने ब्रम्हा जी की तपस्या की काफी तपस्या के बाद ब्रम्हा जी प्रकट हुए और उससे कहा,"वत्स वर मांगो क्या चाहते हो" हिरण्यकश्यप ने कहा कि प्रभु मुझे अमर कर दो तो ब्रम्हा जी ने कहा कि ऐसा वरदान तो नहीं दिया जा सकता कुछ और मानगो तो उसने कहा कि प्रभु मुझे वरदान दो कि मुझे न कोई इंसान मार सके न कोई जानवर कीड़ा और न ही कोई भगवन मार सके मुझे न घर के अंदर मारा जा सके न घर के बहार न मुझे दिन में कोई मार सके न ही रात में और न ही मुझे किसी हथियार से मारा जा सके. ब्रम्हा जी ने ये आशीर्वाद दे दिया जिससे हिरण्यकश्यप को लगने लगा की अब तो वो अमर हो गया अब उसे कौन मार सकता है. वो अपने राज्य वापस आया और लोगो से कहने लगा की वो भगवन की पूजा करना छोड़ कर अब उसकी पूजा करें क्यूंकि

होली (रंगों का त्यौहार) full knowledge

चित्र
होली   प्रेम और रंगों का त्यौहार   है।साथ ही साथ अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक भी है। होली   का त्यौहार हिन्दू धर्म का एक बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार है इसे रंगों का त्यौहार  भी कहा जाता है। यह त्यौहार चैत्र मास के प्रथम दिन पड़ता है यह हिन्दू वर्ष का पहला दिन होता है जिस दिन होलिका दहन   होता है और उसके अगले दिन रंगों की होली   खेली जाती है ।       यह त्यौहार अंग्रेजी वर्ष से मार्च महीने में पड़ता है जब भारत मे ठंडी खत्म हो चुकी होती है इस त्यौहार की तैयारियाँ महीनों पहले से शुरू हो जातीं हैं लोग अपने घरों की साफ सफाई करते हैं पेंटिंग करवाते है और नए कपड़े खरीदते हैं।                                                         होलिका उत्सव के दिन लोग अपने शरीर मे उबटन( बुकवा) लगाते हैं जिससे शरीर की सारी गंदगी निकल जाती है। फिर उस निकले हुए मैल को होलिका में डाल दिया जाता है। होलिका दहन का आयोजन जगह जगह होता है या ये कहें कि हर चौराहे पर होता है जिसमे पुराने कपड़े घर की गंदगी पुरानी लकड़िया और मैल जलाई जाती है लोग इस त्योहार में बड़े खुश रहते हैं। अगले दिन रंगों वाली हो

विदेशो की होली (विदेशो में कैसे मनाते हैं होली?)

चित्र
हम जानते हैं कि होली एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली न सिर्फ भारत मे बल्कि विदेशो में भी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है कुछ देशों में इसे होली   नाम से ही जाना जाता है तो कुछ देशों में इस दूसरे नामो से। कुछ देश  होली   जैसा ही त्यौहार मानते हैं और उन त्यौहारो के पीछे अलग अलग कथाएं प्रचलित हैं जो वहां पर कहीं जाती हैं लेकिन वो किसी और दिन उनके यहां होता है जैसे मैं आपको कुछ देशों के नाम बताने जा रहा हूँ और बताने जा रहा हूँ कि वहां उसे किस तरह मनाते हैं। 1) नेपाल-    ये भारत का पड़ोसी देश है और हपलो मनाने में भारत से कहीं पीछे नही है यहां पर होली के दिन लोगो पानी भरे गुब्बारे फेकने का रिवाज है। 2) म्यांमार- यहां इस त्यौहार को मेकांग के नाम से मनाया जाता है यहां का रिवाज है कि इस दिन लोग लोगो पर पानी और रंग फेंकते हैं इस त्यौहार में पूरा देश हिस्सा लेता है यह त्यौहार म्यांमार में म्यांमार के नववर्ष पर मनाया जाता है। इस त्यौहार को थिंगयांग नाम से भी जाना जाता है। 3) जापान- जापान में इसे एक अनूठा त्यौहार माना  जाता है जापान में यह त्यौह

होली मनाने के वैज्ञानिक कारण, आखिर क्यों मनाते हैं होली?

होली   चैत्र मास के प्रारंभ में पड़ता है। इसको मनाने के पीछे हिन्दू धर्म मे होलिका के मृत्यु को बताया जाता है, लेकिन कई वैज्ञानिक शोधों के बाद पता चला है कि इसके कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। जिनके बारे में हम इस लेख में बताने जा रहे हैं। इस लेख में हम पांच वैज्ञानिक कारणों को बताएंगे जिसकी वजह से होली हमारे जीवन मे महत्व रखती है। 1) ठंडी का अंत और गर्मी की शुरुआत-   होली मार्च महीने में मनाई जाती है और ये वो समय होता है जब ठंडी खत्म हो चुकी होती है और गर्मी का मौसम आने वाला होता है। इस बीच के मौसम को बसंत कहते हैं। इस मौसम में ठंडी के बाद कई तरह के नए वायरस और कीड़े जन्म लेते हैं और कई कीड़े जो ठंडी की वजह से छुप गए थे वो भी बाहर निकलने लगते हैं और इसी वक्त होली आ जाती है जिससे लोग अपने घरो की साफ सफाई करते हैं। जिससे वो जो वायरस जन्म लेने वाले होते हैं मर जाते हैं और इंसान कई तरह के नई बीमारियों से बच  जाता है। 2) उबटन लगाना- इस त्यौहार में लोग शरीर मे सरसो पीस कर लगाते हैं जिससे शरीर की सारी गंदगी बाहर आ जाती है। क्योंकि ठंडी के दिनों में लोग सही से नहा नही पाते और उनक